देश के 8 समुद्र तटों को मिला प्रतिष्ठित ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणन

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भारत के 8 समुद्र तटों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन ‘ब्लू फ्लैग’ दिया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 11 अक्टूबर, 2020 को यह जानकारी दी। प्रमाण पत्र देने का निर्णय एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल थे। ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणन एक वैश्विक सम्मान है जो साफ और सुरक्षित समुद्र तटों को दिया जाता है।

‘ब्ल्यू फ्लैग’ से सम्मानित समुद्र तट हैं- शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधा नगर (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह)। भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों’ के तहत अंतरराष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इन समुद्र तटों को प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग प्रमाणन मिलने को एक अद्भुत उपलब्धि करार दिया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि भारत के 8 समुद्र तटों को प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग प्रमाणन मिला है। यह भारत द्वारा ऐसे स्थानों के संरक्षण और सतत विकास को आगे बढ़ाने के महत्व को दर्शाता है। वास्तव में एक अद्भुत उपलब्धि।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने एक ट्वीट संदेश में कहा कि यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। किसी भी देश को पहले ही प्रयास में 8 समुद्र तटों के लिए कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है। श्री जावडेकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है।

जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात-यूएई एकमात्र अन्य एशियाई राष्ट्र हैं, जिन्हें दो समुद्र तटों के लिये ब्ल्यू फ्लैग से सम्मानित किया गया है और वह भी लगभग 5 से 6 वर्ष में।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब 50 ‘ब्ल्यू फ्लैग’ देशों के समूह में शामिल है और हमें अपने राष्ट्र के लिए इस सम्मान पर गर्व है। अगले पांच वर्षों में हम देश में 100 ऐसे समुद्र तटों के लिये ब्ल्यू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।

भारत ने समुद्र तटों (प्रत्येक तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से एक) के विकास के लिए 2018 में अपनी प्रमुख योजना शुरू की थी और आगामी पर्यटन सत्र-2020 के लिए 8 समुद्र तटों के प्रमाणन के साथ पहला सेट प्रस्तुत किया है।

एसआईसीओएम, एमओईएफसीसी, भारत के तटीय क्षेत्रों के ‘सतत विकास’ की खोज में आईसीज़ेडएम (एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन) परियोजना के तहत एक अत्यधिक प्रशंसित और प्रमुख कार्यक्रम ‘बीईएएमएस’ (समुद्र तट पर्यावरण और सौंदर्य प्रबंधन सेवाएं) को अपनाया। इसका उद्देश्य प्रतिष्ठित फाउंडेशन ऑफ एनवायरनमेंटल एजुकेशन, एफईई डेनमार्क द्वारा प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ईको-लेबल ‘ब्लू फ्लैग’ प्राप्त करने के लिए प्रयास करना था।