एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है भारत

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री का उत्तर : लोकसभा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का 10 फरवरी को उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया है। उनके शब्दों ने भारत के लोगों में आत्मविश्वास की भावना बढ़ी है। उन्होंने इस बात उल्लेख किया कि बड़ी संख्या में महिला सांसदों ने चर्चा में हिस्सा लिया और सदन को अपने विचारों से समृद्ध करने के लिए उन्हें बधाई दी।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोविड के बाद दुनिया बहुत अलग हो गई है। ऐसे समय में वैश्विक विचारधारा से अलग-थलग रहने के प्रतिकूल परिणाम होंगे। इसीलिए भारत एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है, जो आगे विश्व के लिए अच्छा काम करना चाहता है।

उन्होंने कहा कि भारत मजबूत हो रहा है और आत्मनिर्भरता दुनिया के लिए अच्छी है। वोकल-फॉर-लोकल किसी नेता विशेष की सोच नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने में गूंज रही है। श्री मोदी ने कहा कि कोरोना से निपटने का श्रेय 130 करोड़ भारतीयों को जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टर, नर्स, कोविड योद्धा, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस चलाने वाले…ऐसे लोग और कई अन्य लोग ऐसे देवदूत बन गए, जिन्होंने वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत किया।

श्री मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने प्रभावित लोगों की सीधे उनके खातों में 2 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मदद की। हमारे जन-धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी ने लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव किया। इसने गरीब से गरीब लोगों, अधिकारहीन और दबे कुचले लोगों की मदद की। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी सुधार जारी रहे और इससे हमारी अर्थव्यवस्था में नई गति पैदा हो रही है और दोहरे अंक में वृद्धि होने की उम्मीद है।

किसानों के विरोध पर श्री मोदी ने कहा कि यह सदन, सरकार और हम सभी उन किसानों का सम्मान करते हैं जो कृषि विधेयकों पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। यही वजह है कि सरकार के शीर्ष मंत्री उनसे लगातार बात कर रहे हैं। हमारे मन में किसानों के लिए बहुत सम्मान है। कृषि से संबंधित कानून संसद द्वारा पारित किए जाने के बाद कोई भी मंडी बंद नहीं हुई है। इसी तरह एमएसपी बना हुआ है। एमएसपी पर खरीद बनी हुई है। बजट में मंडियों को मजबूत करने का प्रस्ताव दिया गया है। इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि जो लोग सदन को बाधित कर रहे हैं वे एक सुनियोजित रणनीति के अनुसार ऐसा कर रहे हैं। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि लोग सच्चाई देख रहे हैं। अपने खेलों से वे लोगों का विश्वास कभी नहीं जीत सकते हैं। उन्होंने इस दलील का जवाब दिया कि सरकार सुधार क्यों ला रही है, जिसके लिए कहा नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि यह सब वैकल्पिक है, लेकिन हम ऐसी चीजों के लिए जवाब का इंतजार नहीं कर सकते। समय की मांग के कारण कई प्रगतिशील कानून बनाए गए। वह सोच जो लोगों को सवाल करने या निवेदन करने के लिए मजबूर करे, वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकती। हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और देश की जरूरतों के अनुसार लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि हमने देश में बदलाव के लिए काम किया है और अगर इरादा सही है, तो अच्छे नतीजे मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि कृषि समाज और संस्कृति का हिस्सा है और हमारे त्योहार और सभी अवसर बुवाई और कटाई के साथ जुड़े हुए हैं। हमारी 80 प्रतिशत से अधिक आबादी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, छोटे किसानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।