भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

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भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 22 अप्रैल को मंजूरी दे दी। अब अधिकारियों को बैंकों के साथ धोखाधड़ी और जानबूझ कर ऋण न चुकाने जैसे आर्थिक अपराध कर देश से भागने वाले लोगों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई करने में आसानी होगी।

एक अधिकारिक बयान में कहा गया कि यह अध्यादेश उन आर्थिक अपराधियों के लिए लाया गया है, जो देश की अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भाग कर कानूनी प्रक्रिया से बच रहे हैं। बयान में कहा गया, ‘इस अध्यादेश की जरूरत थी क्योंकि अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होने की संभावना या कानूनी प्रक्रिया के बीच में ही देश की अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भागने वालों की संख्या बढ़ी है।’

इस अध्यादेश का उद्देश्य भगोड़े व्यक्तियों की धोखाधड़ी से सरकारी खजाने या सरकारी बैंकों को हुए नुकसान की तुरंत वसूली की कार्रवाई की कानूनी व्यवस्था करना है। इसकी जरूरत बताते हुए बयान में कहा गया कि इस तरह के अपराधियों के भारतीय अदालतों के सामने हाजिर नहीं होने से जांच में दिक्कतें आती हैं और अदालत का समय बर्बाद होता है। इससे कानून का शासन भी कमजोर होता है। बयान में कहा गया, ‘कानून में मौजूद दीवानी एवं फौजदारी प्रावधान इस तरह की समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।’