सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का असंभव कार्य किया : नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘‘मन की बात” में 28 अक्टूबर को कहा कि अगर आज हम एकीकृत भारत देख रहे हैं, तो इसका पूरा-पूरा श्रेय सरदार पटेल के रणनीतिक कौशल और उनकी बुद्धिमत्ता को जाता है।

श्री मोदी ने कहा कि देश के लिए उनकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता ऐसी थी कि किसान, मजदूर से लेकर उद्योगपति तक, सब उन पर भरोसा करते थे। गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएं इतनी विकट हैं कि केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं और सरदार पटेल ने एक-एक कर समाधान निकाला और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया। उन्होंने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे जूनागढ़ हो या हैदराबाद, त्रावणकोर हो या फिर राजस्थान की रियासतें- वे सरदार पटेल ही थे जिनकी सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से आज हम एक हिन्दुस्तान देख पा रहे हैं। एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को, हमारी भारत मां को देख करके हम स्वाभाविक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज़ादी से लगभग साढ़े छह महीने पहले 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध इंटरनेशनल मैगज़ीन ‘टाइम मैगज़ीन’ ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके कवर पेज पर सरदार पटेल का फोटो लगा था। अपनी लीड स्टोरी में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था और ये वैसा नक्शा नहीं था जैसा हम आज देखते हैं। ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था। तब 550 से ज्यादा देशी रियासते थीं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत को लेकर अंग्रेजों की रुचि ख़त्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को छिन्न-भिन्न करके छोड़ना चाहते थे। ‘टाइम मैगज़ीन’ ने लिखा था कि भारत पर विभाजन, हिंसा, खाद्यान्न संकट, महंगाई और सत्ता की राजनीति से जैसे खतरे मंडरा रहे थे। आगे ‘टाइम मैगज़ीन’ लिखता है कि इन सबके बीच देश को एकता के सूत्र में पिरोने और घावों को भरने की क्षमता यदि किसी में है तो वो है सरदार वल्लभभाई पटेल।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘टाइम मैगज़ीन’ की स्टोरी लौह पुरुष के जीवन के दूसरे पहलुओं को भी उजागर करती है। कैसे उन्होंने 1920 के दशक में अहमदाबाद में आयी बाढ़ को लेकर राहत कार्यों का प्रबंधन किया। कैसे उन्होंने बारडोली सत्याग्रह को दिशा दी।

उन्होंने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर बहुत ही खास होगा, क्योंकि सरदार पटेल को ‘‘सच्ची श्रद्धांजलि” के तौर पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊंचाई अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दो गुनी है। ये विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है। हर भारतीय इस बात पर अब गर्व कर पायेगा कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा भारत की धरती पर है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वो सरदार पटेल जो जमीन से जुड़े थे, अब आसमान शोभा बढ़ाएंगे। मुझे आशा है कि देश का हर नागरिक ‘मां-भारती’ की इस महान उपलब्धि को लेकर के विश्व के सामने गर्व के साथ सीना तान करके, सर ऊंचा करके इसका गौरवगान करेगा और स्वाभाविक है हर हिन्दुस्तानी को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने का मन करेगा और मुझे विश्वास है हिन्दुस्तान से हर कोने से लोग अब इसको भी अपना एक बहुत ही प्रिय स्थान के रूप में पसंद करेंगे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। इंदिरा जी को भी हमारी सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि।