भारत और जापान के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर

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जापानी प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 14 सितंबर को पंद्रह समझौते हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और जापान ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए नागर विमानन, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

इसके बाद साझा बयान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री श्री शिंजो एबी को सबसे अच्छा मित्र बताया। वहीं, जापानी प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल इंडिया व मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के प्रति अपना समर्थन जताया। श्री मोदी ने प्रेस वक्तव्य में 14 सितंबर को कहा कि आज सुबह हम दोनों ने मिल कर जापान के सहयोग से बनाए जा रहे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवेज प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया। यह एक बहुत बड़ा क़दम है। यह सिर्फ़ हाई स्पीड रेल की शुरुआत नहीं है। भविष्य में हमारी आवश्यकताओं को देखते हुए मैं इस नई रेलवे फिलॉसोफी को नए भारत के निर्माण की जीवनरेखा मानता हूं। भारत की अबाध प्रगति का संपर्क अब और भी तेज गति से जुड़ गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसी विश्वास और भरोसा, एक दूसरे के हितों और चिंताओं की समझ, और उच्च स्तरीय सतत संपर्क, यह भारत जापान संबंधों की ख़ासियत हैं। हमारी स्पेशल स्ट्रेटेजिक और वैश्विक साझेदारी का दायरा सिर्फ़ द्विपक्षीय या क्षेत्रीय स्तर तक ही सीमित नहीं है। वैश्विक मुद्दों पर भी हमारा सहयोग घनिष्ठ है। पिछले वर्ष मेरी जापान यात्रा के समय हमने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया था। इसके रैटिफिकेशन के लिए मैं जापान के जनमानस, जापान की संसद, और ख़ास तौर पर प्रधानमंत्री आबे का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूं। क्लीन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर हमारे सहयोग के लिए इस समझौते ने एक नया अध्याय जोड़ा है।
श्री मोदी ने कहा कि 2016-17 में भारत में जापान से 4.7 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है। अब जापान भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। यह साफ़ दर्शाता है कि भारत के आर्थिक विकास और सुनहरे कल के प्रति जापान में कितना विश्वास और आशावादी वातावरण है और इस निवेश को देख कर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में भारत और जापान के बीच बढ़ते बिज़नेस के साथ लोगों के बीच संबंध भी बढ़ेंगे।

भारत की पहली बुलेट रेल परियोजना की रखी गई आधारशिला

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे ने 14 सितम्बर को संयुक्त रूप से मुम्बई और अहमदाबाद के बीच भारत की पहली तेज गति वाली बुलेट रेल परियोजना की आधारशिला रखी। अहमदाबाद में इस मौके पर मौजूद जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘न्यू इंडिया’ की उच्च महत्वाकांक्षा और इच्छाशक्ति के बारे में बताया। इस मौके पर उन्होंने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि बुलेट रेलगाड़ी परियोजना तेजी एवं विकास उपलब्ध कराएगी और इसके जल्द नतीजे आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान तेज सम्पर्क के जरिये उत्पादन बढ़ाने पर है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिए तकनीकी और आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए जापान को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात के लिए प्रधानमंत्री श्री आबे की सराहना की कि इतने कम समय में इस परियोजना की शुरुआत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तेज गति वाली इस रेलगाड़ी से न सिर्फ दोनों शहरों की दूरियां घटेंगी, बल्कि सैंकड़ों किलोमीटर दूर रह रहे लोग एक-दूसरे के नजदीक आएंगे। उन्होंने कहा कि मुम्बई-अहमदाबाद गलियारे पर एक नई आर्थिक व्यवस्था विकसित की जा रही है, जिससे पूरा इलाका एकल आर्थिक क्षेत्र के रूप में बदल जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी तभी लाभदायक है, जब वह आम लोगों को फायदा पहुंचाए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में हस्तांतरित प्रौद्योगिकी से भारतीय रेल को लाभ पहुंचेगा और इससे ‘मेक इन इंडिया’ की पहल को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना वातावरण के अनुकूल होने के साथ ही मानव के अनुकूल भी होगी। उन्होंने कहा कि “हाई स्पीड गलियारे” भविष्य में तेज गति के साथ विकास के क्षेत्र के रूप में उभरेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बुनियादी ढांचे का विकास भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाए। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि इस परियोजना को कम से कम समय में पूरा करने के लिए सभी लोग मिल कर काम करेंगे। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे ने कहा कि भारत और जापान की साझेदारी विशिष्ट, रणनीतिक और वैश्विक है और उन्हें उम्मीद है कि वे कुछ वर्ष बाद भारत का सौन्दर्य बुलेट ट्रेन के जरिए देखेंगे।