मनरेगा के तहत 2018-19 की पहली तिमाही में 78 करोड़ कार्य दिवस सृजित

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ल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 78 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए गए। साथ ही मजदूरी भुगतान और मुआवजा भुगतान में पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। गौरतलब है कि नरेगासॉफ्ट 15 दिन के अंदर मजदूरी भुगतान कराने को लेकर निगरानी रखता है। भुगतान में वर्ष 2013-14 में 34 प्रतिशत से बढ़कर मौजूदा वित्त वर्ष में उल्लेखनीय तौर पर 93 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2017-18 में यह 85 प्रतिशत था।

.वित्तीय वर्ष                                                     सृजित कार्य दिवस (करोड़ में)

.2012-13                                                                          230.45

.2013-14                                                                          220.36

.2014-15                                                                           166.2

.2015-16                                                                          235.14

.2016-17                                                                           235.6

.2017-18                                                                           234.26

.2018-19                                                                         (अब तक) 78

मौजूदा वित्त वर्ष में ईमानदार और प्रभावी निरीक्षण की वजह से 15 दिन के भीतर लाभार्थियों के खाते में 70 फीसदी भुगतान पहुंच चुके हैं। सरकार समय से भुगतान कराने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स (एसओपी) जैसे कई कदम उठा रही है। केन्द्र और राज्य सरकारों की कोशिशों के बाद वर्ष 2016-17 में लेन-देन रद्द करने की 16 फीसदी की दर अभी घटकर 2 फीसदी से नीचे आ गई है। कार्यक्रम के तहत खर्च में बढ़ोत्तरी की जा रही है, जो नीचे की सारणी से स्पष्ट है।

वित्तीय वर्ष                                                                  कुल खर्च
                                                                             (रुपया करोड़ में)

.2015-16                                                                  44002.59

.2016-17                                                                  58062.92

.2017-18                                                                   64029.74

.2018-19 (अब तक)                                                  21888.68

पिछले वर्षों की तुलना में भुगतान की गई मुआवजा राशि में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2014-15 से लेकर आज तक 83.45 करोड़ रुपये बतौर मुआवजा दिए गए। इसके अलावा समय से मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने और मजदूरी भुगतान से संबंधित बाधाओं को दूर करने के उपाय करने के लिए मंत्रालय ने 5 राज्यों के प्रतिनिधियों, विभिन्न बैंकों और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था (पीएफएमएस) की एक समिति गठित की है। समिति ने लगातार बैठक करना शुरू कर दिया है। नरेगासॉफ्ट को और उन्नत किया जा रहा है और समय से भुगतान के लिए मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स (एसओपी) को मंजूरी दी है।

दरअसल, सरकार का सामाजिक लेखा परीक्षण पर काफी जोर है। 26 राज्यों ने सामाजिक लेखा परीक्षण ईकाइयां स्थापित की हैं और इन ईकाइयों में लगभग 4500 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। लेखा परीक्षण के मानक सीएजी के साथ मिलकर बनाए गए हैं। शिकायतों के निवारण के लिए राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2012 से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स (एसओपी) का इस्तेमाल हो रहा है। ज्यादातर राज्यों में हितधारकों की शिकायतें दूर करने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइंस शुरू किए गए हैं। गौरतलब है कि मनरेगा के तहत काम की भारी मांग है और सरकार कामकाज की मांगें पूरी करने और मजदूरी का समय से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।