इस बार ‘बही-खाते’ में छिपी है राहतों की पुड़िया


Posted in:
06 Jul, 2019
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06 Jul, 2019
इस बार का बजट यानी ‘बही-खाता’ कई मायनों में विशेष रहा. सबसे पहली​ खासियत तो यही रही कि करीब आधी सदी के बाद दूसरी बार महिला वर्ग यानी देश कि करीब आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली किसी महिला राजनेता ने यह बजट पेश किया है. वित्त मंत्री ने​ पुरानी परंपरा को बदलते हुए बजट दस्तावेज​ को ब्रीफकेस में न रखकर एक लाल रंग के कपड़े में​ लपेटकर रखा, जिसके ऊपर अशोक चिन्ह लगा हुआ था. इस प्रयोग से निर्मला सीतारामन ने यह दिखाया कि अब ब्रिटिश शब्द बजट का दौर ख़त्म हो गया और भारत में प्रचलित कारोबारी शब्द “बही-खाता”​ ही इसका नया नाम होगा. इस तरह यह नया नाम अंग्रेजों की वैचारिक गुलामी से निकलने का एक नया प्रतीक बनकर उभरा है.
ठीक 49 साल पहले 28 फरवरी1970 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री का प्रभार देखते हुए अपनी सरकार का बजट पेश किया था. आम तौर पर यह माना जाता है कि महिलाएं ही घर का बजट सुव्यवस्थित करती हैं. इस लिहाज से निर्मला सीतारमण का बजट पेश करना देश के लिए एक बड़ी और सकारात्मक घटना है. दस बरस पहले उन्होंने भाजपा में प्रवक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. फिर पिछली सरकार में वाणिज्य मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं वे किसी भी प्रकार के विवाद से दूर रहीं. इस साफ़-सुथरी छवि के कारण अरुण जेटली की गैर-मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने पीयूष गोयल के बदले उन्हें वित्त मंत्री के रूप में चुनना बेहतर समझा. उनके द्वारा बजट पेश किये जाने से देश भर में एक सुखद माहौल भी बना कि जो महिलाएं सैकड़ों सालों से अपने घर का बजट संभालती रही हैं, उन्हीं में से एक महिला को अब देश का बजट सँभालने की जिम्मेदारी दी गई है. .
इस बजट में बड़ी योजनाओं की बात की जाए तो धनाड्य वर्ग पर अतिरिक्त शुल्क और बढ़ा दिया गया है. अब 5 करोड़ रुपये से ज्यादा आमदनी वालों को सालाना सात प्रतिशत और 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना आय वालों को तीन प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा. इसके अलावा सोना, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है. इससे तत्काल बाजार पर थोडा असर पड़ सकता है.
मध्यम वर्ग को छूट
इस बजट में मध्यम वर्ग को घर खरीदने के लिए एक बड़ी राहत दी गई है. अब 45 लाख रुपये मूल्य वाले घर खरीदने पर 3.5 लाख तक का ब्याज में छूट मिलेगी. पहले यह सीमा 2 लाख थी.​
आधार से आयकर रिटर्न
नए प्रस्ताव के अनुसार आयकर रिटर्न भरते में अब पैन नंबर की जगह आधार नम्बर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि जिसके पास अभी तक पैन कार्ड नहीं है, वह भी आधार संख्या के​ जरिये अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकेगा. .
कर्मयोगी पेंशन योजना
देशभर के करोड़ों खुदरा कारोबारियों के लिए वित्त मंत्री ने कर्मयोगी पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है. इसमें डेढ़ करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले करीब तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को3000 रुपये का मासिक पेंशन मिलेगा.
असंगठित कामगारों को पेंशन
इस बजट का एक अहम प्रस्ताव यह भी है कि​ प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत पंजीकृत देश भर के करीब 30 लाख असंगठित कामगारों को 60 साल की आयु पूरी करने के बाद3,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी.
कृषि को प्रोत्साहन
वित्त मंत्री के अनुसार इस बजट में लगभग शून्य लगत वाली खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. इस समय भी कुछ राज्यों में प्रयोग के तौर पर ऐसी खेती की जा रही है, लेकिन अब इसे पूरे देश में इसे प्रसारित करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे किसानों की लागत कम होगी और कमाई बढ़ जाएगी. इस विधि में रासायनिक खाद के बदले ​ गाय के गोबर, गौ मूत्र और अन्य ठोस अपशिष्ट का उपयोग खेती में किया जाता है.
विद्युत् वाहनों को बढ़ावा
पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से इस बार विद्युत्-चलित वाहनों पर छूट दी जाएगी. इस गाड़ियों की खरीदी पर 12फीसदी के बदले सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. वहीँ, इन गाड़ियों के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क नहीं लगेगा. साथ ही बिजली वाली गाड़ियों के ऋण पर ब्याज में डेढ़ लाख रु की छूट दी जाएगी.
वन नेशन वन कार्ड की सुविधा
डिजिटल भुगतान को सरल बनाने के लिहाज से वित्त मंत्री ने एक नए रुपे कार्ड की घोषणा की ​ है. इस एक ही कार्ड के जरिये वाहन चालक पूरे देश में किराया, टोल टैक्स और पार्किंग शुल्क का भुगतान कर सकेंगे. साथ ही इस कार्ड से खरीदारी भी की जा सकेगी.
= प्रवासियों के लिए तत्काल आधार
इस बजट में एक अनोखा प्रस्ताव है कि भारत आने वाले प्रवासियों को भारतीय पासपोर्ट के साथ ही आधार कार्ड दे दिया जाएगा. अभी तक इन लोगों को आधार कार्ड के लिए 180 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है.
आयकर जांच से राहत
बजट में यह भी ऐलान किया गया है कि स्टार्टअप उद्यम लगाने वाले और निवेश करने वाले उद्यमी यदि आयकर रिटर्न दाखिल करते समय सभी आवश्यक जानकारी देते हैं तो उन्हें आयकर जांच की प्रक्रिया से अलग रखा जायेगा.
डिजिटल इंडिया पर छूट
वित्त मंत्री ने यह प्रस्ताव किया है कि50 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों और उनके ग्राहकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट नहीं देना होगा. अभी यह शुल्क एक से दो फीसदी के बीच है. देश में नकदी का चलन कम करने और नकादिराहित भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है.
किराए पर रहने वालों को राहत
किराए के नियमों में भी इस बार कुछ सुधार किया गया है. वित्त​ मंत्री के अनुसार किराएदार और मकान मालिकों के बीच अच्छे संबंध के लिए मौजूदा नियम पर्याप्त नहीं हैं.
विदेशी निवेश बढ़ाने का प्रयास 
भारत में शेयर बाजारों में विदेशी निवेश को बढाने के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव किया है. अब अप्रवासी भारतीय भी इस विधि से देश के शेयर बाजारों में निवेश कर सकेंगे.
शिक्षा में सुधार
वित्त मंत्री ने कहा है कि शिक्षा में सुधार के लिए जल्द ही नई शिक्षा नीति पेश की जाएगी. साथ ही विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए ‘स्टडी इन इंडिया’ योजना चलाई जाएगी. साथ ही अनुसन्धान को भी विशेष महत्व दिया जायेगा.
इन सभी प्रस्तावों और नई योजनाओं का आधार पर यह कहना उचित ही होगा कि निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में अपने पहले बजट में प्रायः हर वर्ग का ध्यान रखा है और उनके वित्तीय प्रस्तावों से देश की अर्थ व्यवस्था को एक नई गति अवश्य मिलेगी.​
(लेखक सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्र स्तंभकार है)